रक्षा बंधन और जनेऊ पूर्णिमा :
एक ही दिन के दो पवित्र आयाम भारतीय संस्कृति में श्रावण मास का अंतिम पूर्णिमा दिवस अत्यंत पावन माना जाता है। इस दिन दो प्रमुख पर्व मनाए जाते हैं — रक्षा बंधन और जनेऊ पूर्णिमा। यद्यपि इनके स्वरूप अलग हैं, परन्तु दोनों का मूल भाव संरक्षण, कर्तव्य और पवित्रता है। 1. जनेऊ पूर्णिमा का महत्व जनेऊ पूर्णिमा को “श्रावणी” भी कहा जाता है। यह दिन विशेष रूप से ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य वर्ण के लोगों के लिए यज्ञोपवीत संस्कार (जनेऊ धारण) का पुण्यकाल है।
acharya prakash
8/8/20251 min read
My post content